प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दो वर्षों के दौरान योग की भावना कम नहीं हुई है।
“योग व्यक्तियों के लिए नहीं है, योग मानवता के लिए है।”
उन्होंने कहा, “मैं इस अवसर पर भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र और सभी देशों और दुनिया के सभी नागरिकों को धन्यवाद देता हूं।”
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मोदी ने आगे कहा कि योग पृथ्वी और ब्रह्मांड में शांति लाता है। उन्होंने कहा कि योग लाखों लोगों को जोड़ सकता है और यह भारत के 75 ऐतिहासिक स्थानों पर किया जा रहा है।
मोदी ने कहा, “लोग सूरज की किरणों की चमक के साथ एकजुट हो जाते हैं। जैसे ही सूरज उगता है, दुनिया भर में योग का अभ्यास करने वाले लोग योग का संरक्षक बनेंगे। योग किसी भी समय उत्तेजित मानसिकता वाले व्यक्ति को राहत देता है।”
उन्होंने कहा, “योग को जाना भी है, जीना भी है। पाना भी है और अपना भी है।”
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में 45 मिनट की अवधि में 19 ‘आसनों’ या मुद्राओं का प्रदर्शन शामिल है।
उत्सव की शुरुआत एक मिनट की प्रार्थना से हुई। प्रधानमंत्री ने 19 आसन किए जिसमें ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, वक्रासन, मकरासन, सेतुबंधासन, शलभासन और अन्य शामिल हैं।
स्रोत: आईएएनएस